सुख-समृद्धि के लिए किचन से जुड़े इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, बनी रहेगी मां अन्नपूर्णा की कृपा
रसोई में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाना एक धार्मिक परंपरा है जो भोजन के प्रति कृतज्ञता को दर्शाती है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ आता है। यही वजह है कि रसोई से जुड़े कुछ नियमों का सभी को जरूर ध्यान रखना चाहिए।
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Sanjay Purohit
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मां अन्नपूर्णा को समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से घर में धन और अन्न की कमी नहीं होती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है। रसोई में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाना एक धार्मिक परंपरा है जो भोजन के प्रति कृतज्ञता को दर्शाती है। यह घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है। यही वजह है कि रसोई से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

कौन-सी दिशा है सही?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई को घर की दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा में बनवाना शुभ माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिशा में अग्नि का प्रभुत्व माना गया है और इस दिशा में खाना पकाना सबसे उत्तम होता है। इससे जातक को कभी अन्न की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। अगर आपके लिए इस दिशा में रसोई बनवाना संभव नहीं है, तो आप घर के उत्तर-पश्चिम कोने में भी रसोई घर बनवा सकते हैं। वास्तु के अनुसार, कभी भी उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या फिर घर के केंद्र में रसोई नहीं बनवानी चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

अगर हम चाहते हैं कि हम किसी तरह का वास्तु दोष का सामना ना करें, तो हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि रसोई में कभी भी टूटे-फूटे या चटके हुए बर्तन नहीं रखें। इसके अलावा रसोई घर में खराब हो चुके उपकरण या फिर बेकार पड़े सामान को भी रखने से बचना चाहिए। इसकी वजह से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होने लगती है। यह भी माना गया है कि अगर आप रात में सिंक में जूठे बर्तन छोड़ देते हैं, तो इससे आपको मां अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।


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